A REVIEW OF SHIV CHAISA

A Review Of Shiv chaisa

A Review Of Shiv chaisa

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स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥

दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥

अर्थ: हे शिव शंकर आप तो संकटों का नाश करने वाले हो, भक्तों का कल्याण व बाधाओं को दूर करने वाले हो योगी यति ऋषि shiv chalisa lyricsl मुनि सभी आपका ध्यान लगाते हैं। शारद नारद सभी आपको शीश नवाते हैं।

जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥

O Lord! I beseech Your help and look for your divine blessing at this quite moment. Help save and shield me. Wipe out my enemies together with your Trishul. Release me in the torture of evil thoughts.

भजन: शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ

नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥ पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।

पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन

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